छत्तीसगढ़ में पहली बार शुरू हुआ ‘MA इन वुमन एंड जेंडर स्टडीज’ कोर्स, पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय की पहल

रायपुर। छत्तीसगढ़ में लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल की गई है। पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर के महिला अध्ययन केंद्र में अब दो वर्षीय स्नातकोत्तर कोर्स “MA in Women and Gender Studies” शुरू किया गया है। यह राज्य का पहला पूर्णकालिक महिला एवं जेंडर आधारित एम.ए. प्रोग्राम है।

📘 क्या है इस कोर्स की खासियत?

यह पाठ्यक्रम विशेष रूप से लैंगिक असमानता, महिला अधिकार, नीतिगत विमर्श, सामाजिक न्याय, और विधिक पहलुओं पर आधारित सैद्धांतिक अध्ययन, फील्ड वर्क और शोध पर केंद्रित है।

  • अवधि: 2 वर्ष (4 सेमेस्टर)

  • फीस: ₹4000 प्रति वर्ष

  • सीटें: 20 (सीमित)

🎯 किन क्षेत्रों में मिलेगा करियर का मौका?

यह कोर्स छात्रों को नीति निर्माण, वकालत, अनुसंधान, शिक्षा, मीडिया, महिला एवं बाल विकास, चाइल्ड वेलफेयर कमेटी, काउंसलिंग, समाजसेवा जैसे क्षेत्रों में कार्य करने के लिए दक्ष बनाता है। खासकर वे छात्र जो सामाजिक बदलाव और महिला सशक्तिकरण में रुचि रखते हैं, उनके लिए यह एक शानदार अवसर है।

📝 प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम भी उपलब्ध

महिला अध्ययन केंद्र पहले से ही दो प्रमुख सर्टिफिकेट कोर्स चला रहा है:

  1. सर्टिफिकेट इन वुमन लॉ एंड जेंडर जस्टिस

  2. कम्युनिटी बेस्ड पार्टीसिपेटरी रिसर्च (यूनेस्को के सहयोग से)

इन पाठ्यक्रमों की फीस ₹2500 है और इनकी भी 20 सीटें निर्धारित हैं।

📌 प्रवेश प्रक्रिया जारी है – जल्द करें आवेदन

इन तीनों कोर्सेज के लिए प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। सीमित सीटों के कारण इच्छुक अभ्यर्थियों से अनुरोध है कि वे जल्द आवेदन करें और लैंगिक अध्ययन एवं सामाजिक न्याय के क्षेत्र में अपनी शैक्षणिक यात्रा की शुरुआत करें।

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