न्यायधानी में ठगी के बढ़ते मामले: व्यापारी से करोड़ों की ठगी, एजेंसी फ्रॉड और सरकारी वेतन घोटाला उजागर

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ की न्यायधानी बिलासपुर में धोखाधड़ी और आर्थिक अपराधों के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है। बीते 48 घंटों के भीतर तीन गंभीर आर्थिक अपराध सामने आए हैं, जिनमें व्यापारी वर्ग और सरकारी तंत्र को निशाना बनाया गया है।
👕 गारमेंट व्यापारी से 5.29 करोड़ की ठगी
पहला मामला तारबाहर थाना क्षेत्र का है, जहां गारमेंट व्यापारी मनोज तिवारी को एक सरकारी संस्थान में स्वेटर सप्लाई के फर्जी टेंडर दिलाने के नाम पर 5.29 करोड़ रुपए की ठगी का शिकार बनाया गया। आरोपियों ने झूठे दस्तावेज और प्रभावशाली कनेक्शन का झांसा देकर रकम ऐंठी। पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने चार नामजद आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है।
🧴 एजेंसी देने के नाम पर 4.5 लाख की ठगी
दूसरा मामला सिरगिट्टी थाना क्षेत्र का है, जहां भवानी नगर निवासी जोंटी सिंह से एक प्राइवेट परफ्यूम कंपनी के एमडी, एचआर और दो कर्मचारियों ने एजेंसी देने का झांसा देकर 4.5 लाख रुपए की धोखाधड़ी की। आरोपियों के खिलाफ संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच जारी है।
🏢 सरकारी तंत्र में वेतन घोटाला – 9.46 लाख की फर्जी निकासी
तीसरा मामला शासकीय शिक्षा विभाग से जुड़ा है। समग्र शिक्षा के सहायक कार्यक्रम समन्वयक रामेश्वर जायसवाल पर आरोप है कि उन्होंने गलत वेतन निर्धारण कर 9.46 लाख रुपए का फर्जी भुगतान प्राप्त किया। जांच में यह तथ्य सामने आया कि वे पिछले 13 वर्षों से अधिकारियों की मिलीभगत से अधिक वेतन ले रहे थे। अब मामला उजागर होने के बाद, जिला शिक्षा अधिकारी ने आदेश जारी कर 60 माह तक हर महीने 15,700 रुपए की वेतन कटौती कर राशि वसूलने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
🚔 प्रशासन और पुलिस की सख्त कार्रवाई की तैयारी
तीनों मामलों में पुलिस ने प्राथमिक जांच शुरू कर दी है। संबंधित थानों में एफआईआर दर्ज हो चुकी है और आरोपियों की गतिविधियों की गहन पड़ताल की जा रही है। जिला प्रशासन ने भरोसा दिलाया है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।