RCB विजय जुलूस भगदड़: KSCA के सचिव और कोषाध्यक्ष ने नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दिया
कर्नाटक स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन (KSCA) के सचिव ए. शंकर और कोषाध्यक्ष ई. एस. जयराम ने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है। यह फैसला उन्होंने 4 जून को बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर RCB की विजय रैली के दौरान मची भगदड़ की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए लिया। इस हादसे में 11 लोगों की जान चली गई थी।
एक संयुक्त बयान में शंकर और जयराम ने कहा, “हमारी भूमिका सीमित थी, लेकिन बीते दो दिनों की दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं के चलते हमने गुरुवार रात को KSCA अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंप दिया है।”
इस मामले में कर्नाटक सरकार ने KSCA, RCB और DNA एंटरटेनमेंट नेटवर्क के खिलाफ FIR दर्ज की है। इसके बाद KSCA के अध्यक्ष रघुराम भट, सचिव ए. शंकर और कोषाध्यक्ष जयराम ने FIR रद्द करने की मांग की। हाईकोर्ट ने तीनों अधिकारियों को 16 जून तक गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दी है।
KSCA का कहना है कि भीड़ प्रबंधन की ज़िम्मेदारी इवेंट मैनेजमेंट कंपनी और RCB की थी, न कि एसोसिएशन की। यह दलील KSCA ने हाईकोर्ट में अपनी याचिका के दौरान दी थी।
इस मामले में बेंगलुरु पुलिस ने RCB के मार्केटिंग हेड निखिल सोसाले और DNA इवेंट कंपनी के तीन अधिकारियों — किरण, सुमंथ और सुनील मैथ्यू को गिरफ्तार किया है। सभी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। निखिल को दुबई जाते समय बेंगलुरु एयरपोर्ट से पकड़ा गया था। उसने हाईकोर्ट में गिरफ्तारी को चुनौती दी है, जिस पर सोमवार को सुनवाई होगी।
इधर, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने अपने पॉलिटिकल सेक्रेटरी के. गोविंदराज को पद से हटा दिया है। साथ ही सूचना विभाग के प्रमुख हेमंत निंबालकर का तबादला कर दिया गया है। उनकी जगह IPS अधिकारी रवि एस. ने कार्यभार संभाला है।
एक पीड़ित रोलन गोम्स ने कब्बन पार्क थाने में RCB, KSCA और DNA एजेंसी के खिलाफ FIR दर्ज करवाई है। सामाजिक कार्यकर्ता स्नेहमयी कृष्णा ने मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के खिलाफ भी शिकायत दर्ज कराई है।
बेंगलुरु पुलिस इस मामले की जांच लगातार जारी रखे हुए है।
