बेंगलुरु में जीत का जश्न बना मातम: चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर भगदड़ में 11 की मौत, कई घायल

बेंगलुरु | IPL 2025 की पहली बार चैंपियन बनी रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) की जीत का जश्न बुधवार को दिल दहला देने वाले हादसे में बदल गया। एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर उमड़ी भीड़ में भगदड़ मचने से 11 लोगों की मौत हो गई, जबकि 33 लोग घायल हुए हैं। मृतकों में तीन किशोर और बाकी सभी 20 से 35 वर्ष के युवा शामिल हैं।

कैसे हुआ हादसा? 4 पॉइंट्स में समझें

  1. फ्री पास की अफरातफरी:
    आरसीबी की वेबसाइट से फ्री पास लेने की घोषणा की गई। वेबसाइट क्रैश हो गई। बिना पास के भी भारी संख्या में लोग पहुंच गए। भीड़ का अनुमान नहीं लगाया जा सका।

  2. गेट तोड़ने की कोशिश:
    भीड़ ने गेट नंबर 10, 12 और 13 से जबरन घुसने की कोशिश की। पुलिस ने लाठीचार्ज किया। उसी दौरान नाले पर रखा स्लैब गिर गया और अफरातफरी मच गई।

  3. गेट बंद होने से तनाव बढ़ा:
    दोपहर 3:30 बजे भीड़ और बढ़ी तो सभी गेट बंद कर दिए गए। पास वाले भी अंदर नहीं जा पाए। गेट नंबर 10 पर हालात बेकाबू हो गए। महिलाओं और बच्चों को पीछे धकेला गया, जिससे कई लोग गिर पड़े।

  4. विक्ट्री परेड रद्द:
    सरकार ने बताया कि 5,000 से अधिक सुरक्षाकर्मी तैनात थे, लेकिन भीड़ का दबाव इतना ज्यादा था कि आरसीबी की विक्ट्री परेड रद्द करनी पड़ी।

मौत का आंकड़ा: युवा जश्न में आए और लौटे नहीं

  • 13 वर्षीय दिव्यांशी हादसे की सबसे छोटी पीड़िता थी।

  • मृतकों में तीन किशोर (13-19) और आठ युवा (20-33) शामिल हैं।

  • सभी RCB की जीत का जश्न मनाने आए थे।

जांच और कार्रवाई: कोर्ट सख्त, प्रशासन कटघरे में

  • कर्नाटक हाईकोर्ट ने मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए सुनवाई शुरू की है।

  • 10 जून को अगली सुनवाई, कोर्ट ने सरकार से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।

  • सामाजिक कार्यकर्ता स्नेहमयी कृष्णा ने FIR दर्ज कराई है, जिसमें CM सिद्धारमैया, डिप्टी CM डीके शिवकुमार, और क्रिकेट बोर्ड पर लापरवाही का आरोप है।

RCB मैनेजमेंट और KSCA भी जांच के घेरे में

  • हादसे से कुछ घंटे पहले RCB ने सोशल मीडिया पर जुलूस का ऐलान किया था।

  • कर्नाटक क्रिकेट संघ (KSCA) और RCB प्रबंधन की भूमिका की जांच की जा रही है।

  • कर्नाटक पुलिस और मजिस्ट्रेट जांच पैनल मामले की तह तक पहुंचने की कोशिश में जुटे हैं।

इलाज और राहत:

  • हादसे में घायल 18 लोगों में से अधिकांश को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।

  • केवल दो मरीजों का इलाज अब भी जारी है।