“पहलगाम हमले के बाद भारत का पलटवार: पाकिस्तान पर पांच बड़े प्रहार”

नई दिल्ली – पहलगाम में हुए आतंकी हमले के अगले ही दिन भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ पांच बड़े फैसले लेते हुए कड़ा जवाब दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में ये निर्णय लिए गए। अब तक संयम दिखाने वाला भारत इस बार निर्णायक मूड में नजर आया।

1. सिंधु जल संधि पर विराम

भारत ने 65 साल पुरानी सिंधु जल संधि को रोकने का फैसला किया है। यह संधि 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच छह नदियों के जल बंटवारे को लेकर हुई थी। पाकिस्तान को सिंधु, झेलम और चिनाब नदियों का पानी मिलता रहा है। अब इन नदियों के जल को रोकने का सीधा असर पाकिस्तान की खेती, बिजली उत्पादन और औद्योगिक गतिविधियों पर पड़ेगा।

2. अटारी चेक पोस्ट बंद

भारत-पाकिस्तान के बीच पंजाब में अटारी चेक पोस्ट से सीमित आवाजाही और व्यापार होता था। अब इसे पूरी तरह बंद कर दिया गया है। पाकिस्तानियों को भारत से लौटने के लिए 1 मई तक का समय दिया गया है, इसके बाद सीमा पूरी तरह सील कर दी जाएगी। छोटे व्यापारियों को इससे तगड़ा झटका लगेगा।

3. वीजा सर्विस पूरी तरह बंद

भारत ने पाकिस्तान के लिए वीजा सर्विस बंद कर दी है। SAARC वीजा छूट योजना के तहत भी अब पाकिस्तानियों को भारत आने की अनुमति नहीं दी जाएगी। यह फैसला आतंकियों की घुसपैठ पर नकेल कसने के उद्देश्य से लिया गया है, क्योंकि कई बार धार्मिक यात्राओं या पारिवारिक रिश्तों की आड़ में घुसपैठ होती रही है।

4. पाकिस्तान के रक्षा सलाहकार हटाए गए

भारत सरकार ने दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग में कार्यरत मिलिट्री, नेवी और एयर एडवाइजर्स को “अवांछित व्यक्ति” घोषित किया है। उन्हें भारत छोड़ने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है। उच्चायोग के कुल स्टाफ को 55 से घटाकर 30 किया जा रहा है, जिससे उसकी कूटनीतिक गतिविधियों की ताकत घटेगी।

5. भारतीय डिफेंस एडवाइजर्स भी लौटेंगे

इसके जवाब में भारत ने भी इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग से अपने मिलिट्री, नेवी और एयर डिफेंस सलाहकारों को वापस बुलाने का निर्णय लिया है। दोनों देशों के उच्चायोगों में काम कर रहे सेवा सहयोगियों को भी हटाया जा रहा है।

इन फैसलों का प्रभाव

  • सैन्य संवाद पूरी तरह ठप: दोनों देशों के रक्षा सलाहकारों की वापसी से सैन्य-स्तर की बातचीत और खुफिया संपर्क रुक जाएंगे।

  • कूटनीतिक मौजूदगी कमजोर: उच्चायोगों में स्टाफ में कटौती से पाकिस्तान की भारत में कूटनीतिक पकड़ कमजोर होगी।

भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि आतंकी हमलों का जवाब अब सिर्फ बयानबाज़ी से नहीं, ठोस कदमों से दिया जाएगा। आने वाले दिनों में पाकिस्तान को और भी सख्त कदमों का सामना करना पड़ सकता है।

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