सिस्टम की लापरवाही की कहानी, मरीजों के बच्चों की जुबानी…

रायपुर। छत्तीसगढ़ दंतेवाड़ा मोतियाबिंद के गलत ऑपरेशन से 10 आदिवासी बुजुर्गों को दिखना बंद हो गया है। उसके बाद मरीजों को रायपुर अंबेडकर हॉस्पिटल रेफर कर दिया था। दंतेवाड़ा जिले के बींजाम गांव के अजय ने बताया की उनकी मां को गांव की मितानिन अपने साथ लेकर गई और हम घर वालों को कुछ नहीं बताया। आंखों की सर्जरी करवाकर मां को घर में छोड़ गए। दो दिन बाद मां की तबीयत बिगड़ गई। आंखों में इन्फेक्शन के कारण दिखाई देना बंद हो गया।

दंतेवाड़ा की 59 साल की सुको बाई की आंखों का जबरन ऑपरेशन कर दिया गया। उनके बेटे अजय ने बताया कि सहमति छोड़िए ऑपरेशन की खबर तक नहीं दी गई। इन्फेक्शन के दर्द से मां की आंखें सूज गई हैं। अंबेडकर अस्पताल के नेत्र विभाग के आइसोलेटेड वार्ड में हैं। सुको बाई के अलावा ऐसे ही 12 मरीज यहां हैं।

वहीं दंतेवाड़ा जिले के बींजाम की रहने वाली 65 साल की हिरदई का भी मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया गया है। ऑपरेशन के बाद इनके आंखों में सूजन आ गई है। आंख से अब कुछ दिखाई नहीं दे रहा है। आनन-फानन में परिजन इन्हें जिला अस्पताल लेकर पहुंचे, जिसके बाद इन्हें रायपुर रेफर कर दिया गया है।

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