खतरे के निशान से ऊपर बह रही शिवनाथ, 13 साल बाद दिखा नदी का रौद्र रूप…

दुर्ग : शिवनाथ नदी 13 साल बाद एक बार फिर अपना रौद्र रूप दिखा रही है। दो दिन पहले हुई बारिश और मोंगरा जलाशय से छोड़े गए पानी के कारण शिवनाथ खतरे के निशान से 22 फीट ऊपर बह रही है। नदी के बाढ़ में अलग-अलग जगहों पर फंसे करीब 140 लोगों को होमगार्ड की प्रशिक्षित टीम ने सुरक्षित बाहर निकाला। बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत कैंप में ठहराया गया है। दर्जनभर नदी तटवर्ती गावों में बाढ़ का पानी घुस गया है। करीब 20 हजार एकड़ की फसल भी बाढ़ के पानी में डूब गया है।

इसके पहले 2013 और उसके पहले 1992 में शिवनाथ की धार तटों की मर्यादा तोड़कर शहर तक पहुंची थी। जिले में 1 जून से 11 सितंबर तक 625.5 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई है। कार्यालय कलेक्टर भू-अभिलेख शाखा से प्राप्त जानकारी के अनुसार 1 जून से अब तक सर्वाधिक वर्षा 971.8 मिमी पाटन तहसील में तथा न्यूनतम 443.8 मिमी धमधा में दर्ज की गई है।

दुर्ग में 586.3 मिमी, बोरी में 499.3 मिमी, भिलाई 3 में 602.2 मिमी और अहिवारा में 649.4 मिमी वर्षा दर्ज की गई है। 11 सितंबर को तहसील दुर्ग में 2.4 मिमी, तहसील धमधा में 10.7 मिमी, तहसील पाटन में 0.0 मिमी, तहसील बोरी में 28.1 मिमी, तहसील भिलाई-3 में 15.4 मिमी एवं तहसील अहिवारा में 30.1 मिमी वर्षा दर्ज की गई है।

इन गांवों में घुसा बाढ़ का पानी

अलग-अलग क्षेत्र में बाढ़ में फंसे करीब 140 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है। अभी तक ननकट्ठी, बोरी डांडेसरा में कुछ लोग फंसे हुए हैं। इसके साथ ही पुलगांव के यादव भवन में राहत कैंप बनाया गया हैं।

बालोद रोड में आवागमन बंद

नदी के किनारे पुलगांव में राहत कैंप लगाया गया है। बुधवार को सुबह जलस्तर बढ़ने के कारण पानी घरों में घुसने लगा। प्रभावित परिवार को कोसरिया यादव समाज भवन में ठहराया गया है। यहां निगम आयुक्त ने उनके रहने की व्यवस्था के साथ भोजन व नास्ते की भी व्यवस्था कराई है। संभागायुक्त सत्यनारायण राठौर व कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी ने यहां राहत कैंप में ठहरे लोगों से चर्चा की और व्यवस्था की जानकारी ली। कलेक्टर ने ग्राम पंचायत भरदा का भी भ्रमण कर ग्रामवासियों से मुलाकात कर उनकी स्थिति जानी। ग्रामवासियों को सुरक्षित रहने के साथ किसी भी प्रकार की समस्या होने पर जिला प्रशासन को सुचित करने एवं प्रशासन द्वारा हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया।

80 लोगों का किया गया रेसक्यू

नदी के तटवर्ती गांव डांडेसरा, ननकट्ठी व बोरी से करीब 80 लोगों को रेसक्यू कर सुरक्षित स्थानों पर ठहराया गया है। पीपरछेड़ी गांव तक भी पानी पहुंच गया है। चंगोरी, झेंझरी, सहगांव, डोमा पथरिया, बेलोदी तक पानी पहुंच गया है। चंगोरी निवासी दाऊ तुलसीराम देशमुख ने बताया कि आबादी क्षेत्र में बाढ़ का पानी घुस गया था। लोग बस्ती में आकर रहने लगे हैं। कुछ लोग नीचे पानी है तो ऊपरी मंजिल में रह रहे हैं। नदी किनारे के गांव तिरगा, झोला, भोथली, रूदा, खांडा, चंगोरी समेत अन्य गांव में अंडा पुलिस ने अलर्ट जारी कर दिया है। अर्जुन्दा से सोमनी मार्ग में ग्राम झोला पुल से आवागमन बंद कर दिया गया है। लोगों को थनौद या भर्रेगांव मार्ग का उपयोग करने के लिए कहा गया है।

पुलगांव नाला डूबा

शिवनाथ में बाढ़ के कारण पुलगांव नाला पुल डूब गया है। पुल के दोनों छोर पर बेरिकेड्स लगाकार पुलिस बल तैनात किया गया है। इसके कारण बालोद रोड पर जाने वाले वाहनों को जेल तिराहा से होकर मिनी माता चौक पहुंचकर जाना पड़ रहा है। जल स्तर बढ़ा तो इस रोड पर भी आवाजही बंद हो जाएगी। महमारा एनिकट की ओर भी लोगों को जाने नहीं दिया जा रहा है। नदी रोड पर नयापारा मोड़ पर बेरिकेट्स लगाकर पुलिस बल तैनात किया गया है। महमरा एनिकट रोड पर पानी जैन मंदिर से आगे तक पहुंच गया है। नदी किनारे के खेत पानी में डूब गए हैं। फसलों को नुकसान हुआ है।

कॉलोनी में पहुंचा पानी

शिवनाथ व पुलांगव नाला के बाढ़ का पानी दुर्ग शहर के खंडेलवाल कॉलोनी, मीलपारा के नीचले इलाके व महेश कॉलोनी तक पहुंच गया है। महेश कॉलोनी पानी से घिर गया है। गंजपारा के पूर्व पार्षद राजकुमार साहू ने गंजपारा में रिलायंस पेट्रोल पंप के पीछे बस्ती में पानी भर चुका है। शहर विधायक गजेंद्र यादव सुबह 7 बजे से मोटरसाइकिल से शिवनाथ नदी, पुलगांव, बैजनाथ पारा, खंडेलवाल कॉलोनी पहुंचे और नदी में बढ़ रहे जलस्तर को देखते हुए तैयारी करने निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान महापौर धीरज बाकलीवाल, पूर्व पार्षद सुरेंद्र राजपूत, कार्यपालन अभियंता दिनेश नेताम, भवन अधिकारी गिरीश दीवान, राजस्व व अतिक्रमण अधिकारी दुर्गेश गुप्ता, करण यादव, लक्ष्मीकांत दुबे सहित निगम का अमला मौजूद रहा।

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