रायपुर 4 दिसंबर 2023:–छत्तीसगढ़ के चुनावी मैदान में इस बार बड़ी संख्या में महिलाओं ने जीत दर्ज की है।छत्तीसगढ़ विधानसभा के लिए चुनाव में इस बार रिकार्ड संख्या में महिलाएं विधायक चुनी गई हैं। 90 में से इस बार 18 विधायक महिलाएं हैं। यह अपने आप में रिकार्ड है। इससे पहले कभी भी इतनी संख्या में महिलाएं चुनाव जीतकर नहीं आई हैं।
2018 में हुए चुनाव में 13 महिलांए चुनाव जीती थीं। इसके बाद हुए 3 उप चुनाव में महिलाएं जीतीं। इस तरह मौजूदा विधानसभा में कुल 16 विधायक थीं।
इस बार विधायक चुनी गईं 18 में से 10 पहली बार विधानसभा का चुनाव जीती हैं।
राज्य में करीब 23 वर्षों में 4 बार विधानसभा चुनाव हुए हैं। इनमें 371 महिलाओं ने भाग्य आजमाया और इनमें से 38 विधानसभा में पहुंचीं। उप चुनावों के आंकड़ों को भी इसमें शामिल कर लें तो सदन में पहुंचने वाली महिलाओं की संख्या बढ़कर 42 हो जाती है।
1 नवंबर 2000 को जब छत्तीसगढ़ राज्य अस्तित्व में आया तब प्रदेश की 90 सदस्यीय विधानसभा में महिला विधायकों की संख्या 6 थी। इनमें 4 कांग्रेस और 2 बीजेपी की थीं। करीब 23 वर्ष बाद राज्य की मौजूदा विधानसभा में महिला विधायकों की संख्या बढ़कर 16 हो गई है। इनमें 3 उप चुनावों के जरिये सदन में पहुंची हैं।
इनमें बीजेपी, बसपा और जकांछ की एक-एक और बाकी सत्तारुढ़ कांग्रेस पार्टी की है। राज्य में अब तक कांग्रेस और बीजेपी सत्ता में रही है। चारों चुनाव (उप चुनावों को छोड़कर) के आंकड़ें देखें तो दोनों पार्टियों ने मिलकर 86 महिलाओं को टिकट दिया। इनमें से 36 ही जीत पाईं। वहीं, एक से अधिक बार चुनाव जीतने वाली महिला विधायकों की संख्या केवल 6 है।
कांग्रेस और बीजेपी के साथ ही बसपा उम्मीदवार भी पहुंची सदन तक
राज्य में हुए चुनाव और उप चुनावों के जरिये कुल 42 महिलाएं विधानसभा की दहलीज तक पहुंची हैं। इनमें ज्यादा संख्या कांग्रेस और भाजपा की है। वहीं, बसपा का प्रभाव भले ही राज्य के छोटे हिस्से में है, लेकिन बसपा की टिकट पर सदन में पहुंचने वाली महिलाओं की संख्या 2 है। कामदा जोल्हे 2003 में बसपा की टिकट पर सारंगढ़ सीट से चुनाव जीती थीं। वहीं 2018 में पामगढ़ सीट से विधायक बनी इंदू बंजारे भी बसपा की टिकट पर चुनी गईं। 42 में से सबसे ज्यादा 22 कांग्रेस की विधायक हैं। 17 बीजेपी, 2 बसपा और एक जकांछ की हैं।