हनुमान जयंती 2023 का महत्व
हिंदू धर्म में भगवान हनुमान को संकटमोचन भी कहा गया है और मान्यता है कि इनकी पूजा करने से भक्तों के सभी संकट दूर होते हैं. हनुमान जयंती के दिन हनुमान जी ने माता अंजनी के गर्भ से वानर रूप में जन्म लिया था. इस दिन को बहुत ही शुभ माना गया है और इस दिन हनुमान जी का पूजन करने से व्यक्ति को शनि प्रकोप (Shani Dosh) से भी छुटकारा मिलता है.
हनुमान जयंती व्रत एवं पूजन विधि
हनुमान जयंती का व्रत रखने वालों को कुछ नियमों का पालन करना पड़ता है. सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर भगवान श्रीराम, माता सीता व श्री हनुमान का स्मरण करने के बाद व्रत का संकल्प लें. इन्हें जनेऊ भी चढ़ाया जाता है. सिंदूर चढ़ाएं. हनुमान चालीसा और बजरंग बाण का पाठ करें. हनुमान जी की आरती करें. इस दिन स्वामी तुलसीदास द्वारा रचित श्रीरामचरितमानस के सुंदरकांड या हनुमान चालीसा का अखंड पाठ भी करवाया सकते हैं. प्रसाद के रुप में बजरंग बली को गुड़, भीगे या भुने चने और बेसन के लड्डू चढ़ाए जाते हैं. ध्यान रहे कि भगवान की पूजा, प्रसाद से पहले सदैव श्री राम की पूजा या उनका नाम लें. इससे बजरंग बली प्रसन्न होते हैं और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.